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प्रणय के भाव (मुक्तक)

प्रणय के भाव; तिसपर वेदने ! उर की व्यथा भी है समय का दंश सहकर देह ने ख़ुद को मथा भी है तुम्हारी आस का दीपक हमें झुलसा रहा लेकिन, हृदय के पृष्ठ पर अंकित उभय की रति कथा भी है