Posts

Showing posts from 2019

कैसे होगी यह दीवाली.?

गीत बच्चे भूखे अकुलाते हैं घर में पसरी है बदहाली! मन विह्वल है सोच सोच कर कैसे होगी यह दीवाली.? कोई महलों की रंगत कर, कनक-कटोरी धोता है। चाँदी की चादर में लिपटा, ठाठ बाट से सोता ...

सच झूठ

#सच्चा_झूठ सच ....झूठ कह रही हूँ कि खूब समझते हो तुम तुम्हारी ओर से फिर चुकी कभी ग़ुस्सैल कभी हताश निगाहों की भाषा सच ....झूठ कह रही हूँ तुम्हारी हृदय भेदी बातों की आड़- से भी नहीं निहा...