#एक_दिन_का_सम्मान_महिला_दिवस

#एक_दिन_का_सम्मान

अरे ओ ...महिला मंडलि...
ले ली बधाईयॉ, हो ली खुश..
जो अगर बाकी हो तो,
जल्द समेट लो-
"एक दिन का सम्मान"

कल होते ही तेरे तोंते उड़ेंगे,
तेरी इच्छाओ की पुकार सुन-
लोग क्या.....
 मच्छर मक्खी भी ना मुड़ेंगे

चल जल्दी समेट आज
झुठे दिलासाओं की दुकान....

कल फिर तेरे अस्तित्व की सच्चाई-
घर के कोने में पड़ी
चलती,फिरती,कभी खड़ी
जैसे हो बेमोल सा कोई पुराना सामान......

©प्रियंका सिंह

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