#मोबाइल


तिथि-15/6/2017
वार-गुरुवार

सुनो सखी ये मेरी कहानी
मेरी कहानी कुछ मेरी जुबानी
माँ कहती खीज़ बात बात पर
मोबाईल चलाने में मैं हूँ नानी

सारा दिन मैं यही बिताऊँ
दिन भर सिर्फ चैट में बतिआउँ
है मोबाइल की जरुरत कैसे जताऊं
माँ को ये चीजें कैसे बताऊँ..

इसी से मेरी लेखनी यही मेरी किताब
इसी में लेख ,मैं लगाती यहीं  हिसाब
पल भर में यहाँ जानकारियां पाऊँ
अब स्मार्टनेस का मुझे मिला ख़िताब

अरे मोरी मैया ....
तुझसे कैसे बताऊँ
सच पूछ तो कुछ कह न पाऊँ
सारा काम मेरा इसी से होता
कैसे तुझको ये समझाऊं

बस बार बार ये कह के मानउँ
रूठ ना तू तुझे कैसे रिझाऊँ
इतना समझ ले घर बैठे ही सारा काम
एक चुटकी में झटपट मैं यही निपटाऊँ

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