#जिंदादिली
-------------------------------------------------- #जिंदादिली_से_गले_मिले ======================== सुना है लौट आए हो तुम यूँ बिन बतायें,कहाँ हुऐ थे गुम? मेरी कोई बात गर थी खली तो कह दिया होता,तूने छोड़ी क्यों हमारे बचपन की गली? चलो छोड़ो.... जो अब तुम वापस आए हो, तो बताओ.... मेरे लिए शहर से क्या लाए हो,? याद है.... हम कैसे साथ में पढ़ते थे, एक साइकल की सवारी को हमदोनो आपस में ही लड़ते थे, याद है... वो गिल्ली-डंडा, नहर की पानी से गीली शर्ट जिसे सुखाते थे हम हर बार बना कर झंडा.. तू क्या गया बंद हो गए सारे अड्डे लगाते थे जो हम पीपल के तले कहने को ... हम इतने दिनों बाद मिलें अब भी मानो अधूरे से है- हमारी सारी तकरारों के सिलसिलें चल छोड़... भूल कर सारे नोंक-झोंक भूल पुराने शिकवें-गिलें आओ फिर से एक बार जिंदादिली से गले मिलें... ------------------------------------------------------ नाम- प्रियंका सिंह