#ग़ज़ल (नज़र नहीं आता)

#दिनांक- 9/9/17

#गज़ल

2122  1212   22
पल सुहाना नज़र नहीं आता
ये दीवाना नज़र नहीं आता

जो लगे जान तुम खफ़ा से हो
तो सताना नज़र नहीं आता

ये उदासी जो नागवारा है
क्या मनाना नज़र नहीं आता

हाल दिल का सुनो कहूँ तुमसे
कुछ छिपाना नज़र नहीं आता

'प्रिय' जमाने की बात समझाए
पर ठिकाना नज़र नहीं आता

#प्रियंका_सिंह

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