तुम उदास करते हो

कवि तुम वाकई उदास करते हो
भूल जाते हो -
बतौर एक कवि तुम अकेले नहीं रह जाते
तुम्हारा होना न होना
एक मात्र
तुम तय नहीं कर सकते
तुम्हारी लिखी प्रत्येक पंक्तियों के साथ
हो जाती है संग्लन कइयों की भावनाएं
ये बात दीगर है
की एक अकेले अकेलेपन में ही व्यक्ति
चुनाव करता है मित्र सदृश
कुछ सफेद काग़जी पुलिंदो का
और करता चला जाता है
आशाओं, अभिलाषाओं ,
और भावनाओं का
स्थानांतरण
माना आ सकते हैं
तुम्हारे जीवन में भी
कई ज्वार और भटाएँ
कभी आँखों के पथरा जाने
कभी उनके कोरो के भींग जाने तक
हो सकते हो उदास तुम भी
किन्तु इन सब से कुछ नए के आदि
पाठकों को क्या?
जाओ   किन्तु जाने से पूर्व
तुम्हे यह ज्ञात हो कि
कर दिये जाओगे घोषित
पूर्व के कुछेक शब्दकारों की भाँति
तुम भी  पलायनवादी
तब उनकी मनोदशा का क्या ?
जिनका जुड़ाव है तुमसे,
तुम्हारे होने मात्र से -
एक लंबी गहरी उदासी के बाद
मुरझाने के कारण
सियाह पड़े चेहरे पर
खिलने वाली
मीठी मुस्कान की तरह


प्रियंका

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