मुक्तक( राम आए हैं



सुवासित हो रहा कण- कण प्रभो श्री राम आये हैं। 

धरा भी हो रही पावन प्रभो श्री राम आये हैं। 

कि हर्षित हो रहा है जग मिटेगी सृष्टि की पीड़ा

हुआ री ! धन्य जन - जीवन प्रभो श्री राम आये हैं। 

 © प्रियंका सिंह

#रामनवमी_की_शुभकामनाएँ 🌸🙏

Pc - googl

Comments

Popular posts from this blog

दोहा(गणेश वंदना)

#मोबाइल

#और_कितनी_शिकायतें_हैं_तुम्हे_मुझसे