भारत की पावन धृति पर रंगों का इतिहास रहा(गीत)
त्यौहारों के किसलय में कुसुमित मधुरिम उल्लास रहा
भारत की पावन धरती पर रंगों का इतिहास रहा।
यहाँ अवध के हर बालक ने मर्यादित रहना जाना
यहाँ प्रेम के गोकुल रँग से रँगा हुआ है बरसाना
औ जीवन का रंग गुलाबी मतलब संधि - समास रहा
भारत की पावन धरती पर रंगों........
केसरिया रँग त्याग लिए है, श्वेत, शांति की लय ध्याये
रंग, हरा समृद्धि बताए और सुमति को हर्षाये
रंग, कभी है रामराज्य-सा कभी निरा वनवास रहा
भारत की पावन धरती पर रंगों........
आशाओं का रंग सुनहला, विश्वासों का धानी है
भक्ति, रंग निर्मल गंगाजल, काव्य रंग रसखानी है
नीला रंग जो नीलकंठ का लिए हुए कैलाश रहा
भारत की पावन धरती पर रंगों........
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