#बावड़ी_अँखियाँ_टकटकी_लगाऐ
#बावड़ी_अँखियाँ_टकटकी_लगाऐ
हर बार उस चौखट से
मायुँसी लिए साथ लौट आती हूँ...
एक तेरे नाम की ख़बर हैं कि-
आती ही नहीं....
तेरे आने की खबर कागा मुझे बताएं ,
हर बार ये जिम्मेदारी उसे सौप आती हूँ...
फिर भी तेरे आश में टकटकी लगाए ,
ये बावड़ी अँखियाँ है कि निंदिया लोक में
जाती ही नहीं.....
©प्रियंका सिंह
हर बार उस चौखट से
मायुँसी लिए साथ लौट आती हूँ...
एक तेरे नाम की ख़बर हैं कि-
आती ही नहीं....
तेरे आने की खबर कागा मुझे बताएं ,
हर बार ये जिम्मेदारी उसे सौप आती हूँ...
फिर भी तेरे आश में टकटकी लगाए ,
ये बावड़ी अँखियाँ है कि निंदिया लोक में
जाती ही नहीं.....
©प्रियंका सिंह
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