वेश्याओं का सम्मान करो
#वेश्याओं_का_सम्मान_करो
निज प्राणों की दुर्गति सह कर, कुंठाओं को सहती जो-
संरक्षक सम सत्यापित वेश्याओं का सम्मान करो।
तनिक गहनता से यह सोचो ,वेश्याएँ क्यों होती हैं।
सम्भवतः सुखमय जीवन में,नित कंटक क्यों बोती हैं।
क्यों होती वे ख़ुद शोषित उस,कारण का निपटान करो।
संरक्षक सम सत्यापित वेश्याओं का सम्मान करो।
मानव रूपी नर पशुओं को जब वे मोहित करती हैं।
तब ये जग की कलुषित स्याही,को अवशोषित करती हैं।
वंदनीय ऐसी काया का ,मत दूषित प्रतिमान करो।
संरक्षक सम सत्यापित वेश्याओं का सम्मान करो।
तन का मोल बताने वालों,संभव हो तो मन पढ़ना।
अवहेलित अँगना की सीढ़ी ,पर सद्भाव लिए चढ़ना।
नवयुग को रचने से पहले,अवगुण का अवसान करो।
संरक्षक सम सत्यापित वेश्याओं का सम्मान करो।
भाव भंगिमाओं के पीछे ,इनकी व्याकुल सूरत है।
हाड़ मांस से बनी हुई वे,भी इंसानी मूरत है।
नेह सुमन की अभिलाषी वे,इनको प्रणय प्रदान करो।
संरक्षक सम सत्यापित वेश्याओं का सम्मान करो।
#प्रियंका_सिंह
#पुणे_महाराष्ट्र
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