#राधे_कृष्णा
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सुरत मोहक - छवि निराली
मानो मन के अंध कूप में,
भावमय फैली - ज्योति की लाली...
साँवरे के रंग में - जैसी रंगी मीरा
वैसी रंग जाऊ - ले नाम मैं तेरा...
ह्रदय में स्नेह का - भण्डार है जितना
सब तुझ पर - देऊ वार मैं कृष्णा...
मोहनी सूरत - बाल छवि तेरी
सब गोपियन की- मति गई फेरी...
मोहक मृदुल - फुहार में राधे
प्रेम वीणा के - हर तार में राधे......
सब सखियों में - राधा प्यारी
कोमल आभा - अति दुलारी....
हाय दोनों की - संग मूर्ति न्यारी
तुम्हरे प्रति यह प्रेम - सब भार से भारी...
इस बेसुध मन की बेकल तृष्णा
....जो जपत जाऊ नाम ....
......राधे कृष्णा - राधे कृष्णा.....
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