#स्त्री


#काफ़िया-आन
#रदीफ़- नहीं कोई
तिथि-१४जून२०१७
वार-बुधवार

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स्त्री भी इंसान है, मूरत -बेजान नहीं कोई
घर में पड़ी बेकार सी -सामान नहीं कोई

सभ्यता की फटी चादर मे बुद्धिजीव छिपे है
यहाँ परिस्थितियों से -अंजान नहीं कोई

स्त्री की गरिमा ना समझे........
मेरी समझ से इतना -नादान नहीं कोई

सदियों से अस्तित्व के संघर्ष में
मिला इसे क्यों -सम्मान नहीं कोई

जीवन भर  त्याग के उपरान्त भी
इसे हुआ अभी -अभिमान नहीं कोई

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नाम -प्रियंका सिंह
शहर-रांची

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