#काफ़िया
अपनी ओझल पहचान है प्यारे
उज्जवल अस्तित्व का अरमान है प्यारे..
मार्ग में अनेक बाधाएं है-
इस बात से मन अंजान है प्यारे...
जीवन की इस भाग दौड़ में
अब तक ज़हन नादान है प्यारे...
कोशिशों के रेतीले टीलें ही सही-
उन पर मुझे अभिमान है प्यारे...
कठिनाइयों से लड़ने में ही-
मेरा आत्मसम्मान है प्यारे....
अभिमान से दूर, मन की कोने गह्वर में
कुछ ऐसा है जो बेजान है प्यारे..
चेहरे की हरियाली के भीतर
मन में कुछ सुनसान, बियाबान है प्यारे...
शायद ये असफलताओं के थपेड़े है
जिससे हिय परेशान है प्यारे....
निराश मन की भूमि पर मानो बन रहा
दिन दिन उम्मीदों का शमशान है प्यारे....
©प्रियंका सिंह
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