प्रेम

लिप्साहीन प्रेम ,
पूर्णतः आभाशिक हैं..
प्रिय हेतु यह प्रेम ,
आत्मिक है़ं...
यह प्रेम-
अजर हैं..अमर हैं..
यहीं प्रेम-
सरल हैं..शीतल है..
कुशल हैं..तो उज्जवल भी
पावन हैं...तो मन-भावन भी...

                                 ©प्रियंका

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