खिल उठा इश्क़ का चमन

लीजिए एक #गीत और गुनगुनाते रहिऐ

दिनांक -28 /12/17
विधा -#गीत
*********************

212     212   212     212  
खिल उठा देख लो इश्क़ का ये चमन
क्यों झुकें से हुऐ है ये' तेरे नयन

जो बसाने  चले आशियाँ प्यार का
छोड़ दो तुम लजाना यूँ' बेकार का
झूमती है निशा देख हो के मगन
क्यों झुकें से हुऐ है ये' तेरे नयन

रूठ जाओ कभी तो मनाऊँ तुझे
हाल दिल का हुआ क्या दिखाऊँ तुझे
तज दूँ तेरे लिये ये धरा औ गगन
क्यों झुकें से हुऐ है ये' तेरे नयन

नेह की अपनी' कैसी कहानी रही
साथ बैठो सभी को सुनानी यही
एक है प्राण हम - हो भले दो बदन
क्यों झुकें से हुऐ है ये' तेरे नयन

#प्रियंका_सिंह

Comments

Popular posts from this blog

दोहा(गणेश वंदना)

#मोबाइल

#और_कितनी_शिकायतें_हैं_तुम्हे_मुझसे