समझ लेना
#मुक्तक
1222 1222 1222 1222
कड़कती धूप में घिरता हुआ बादल समझ लेना
कभी अपनी सजीली आँख का काजल समझ लेना
मैं' तुझसे दूर होकर भी सदा ही पास हूँ तेरे
तू अपने अक्स से लिपटा - मुझे आँचल समझ लेना
प्रियंका सिंह
#मुक्तक
1222 1222 1222 1222
कड़कती धूप में घिरता हुआ बादल समझ लेना
कभी अपनी सजीली आँख का काजल समझ लेना
मैं' तुझसे दूर होकर भी सदा ही पास हूँ तेरे
तू अपने अक्स से लिपटा - मुझे आँचल समझ लेना
प्रियंका सिंह
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