🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇 मानव माटी की है काया, ज्ञान गुणों का प्राणी है भाग्य भरोसे कभी न बैठो,कर्मठता दिखलानी है कई मोड़ आते जीवन में ,लेतें कठिन परीक्षा हैं सार गहें जीवित कर्मों के , देतें सफल समीक्षा हैं बैठे बिठाए कुछ न मिलता, यदि पहचान बनानी है भाग्य भरोसे कभी न बैठो,कर्मठता दिखलानी है जो सब गुण सम्पन्न बना है, जिसने भाग्य को बदला है हर कठिनाई झेली उसने, काँस्य काँच सा पिघला है ऐसी ही श्रमसाध्य कहानी,मन को सदा सुनानी है भाग्य भरोसे कभी न बैठो,कर्मठता दिखलानी है बात सदा ही ध्यान रहे हर,कर्मों का परिणाम मिले चाहे मन में जितनी इच्छा ,यश मान और नाम मिले आप भूमि से अन्न न उपजे ,बात यही बतलानी है भाग्य भरोसे कभी न बैठो,कर्मठता दिखलानी है 😎😎😎😎😎😎😎😎😎😎😎😎😎😎 #प्रियंका_सिंह पुणे(महाराष्ट्र)