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Showing posts from 2018

हसीं मुलाकात

#दिनांक- 18/8/17 #रदीफ़ - मान जाइए #काफ़िया - आत                #ग़ज़ल फ़ाइलुन मफ़ाइलुन फ़ाइलुन मफ़ाइलुन 212     1212    212    1212 हो हसीन इक मुलाकात मान जाइए आज इश्क़ की है' शुरुआत मान जाइए बस वफ़ा भरी सभी वा...

वेश्याओं का सम्मान करो

       #वेश्याओं_का_सम्मान_करो निज प्राणों की दुर्गति सह कर, कुंठाओं को सहती जो- संरक्षक सम सत्यापित वेश्याओं का सम्मान करो। तनिक गहनता से यह सोचो ,वेश्याएँ क्यों होती हैं। ...

श्रद्धांजलि

2122     2122    2122    2122    चेतना क्यों हम सभी के वंद्य मन को  छल रही है    अब  द्रवित हो  वेदना भी  सुप्तता में  ढल रही है    शब्द के सम्राट थे वह काल कवलित हो गए जो-    अश्रु से पूरित धरा फि...

गीता का जब पाठ करें हम, अधरों पर कुरआन रहे।

गंगा-यमुना के प्रणय मिलन, पर सबको अभिमान रहे। गीता का जब पाठ करें हम, अधरों पर कुरआन रहे। जब हैं राम-रहीम एक तो, मजहब पर फिर क्यों लड़ना? तीन रंग से हुआ 'तिरंगा' , रंग भेद में क्या पड़...

मज़हब ने जो सिखलाया है, वो अदबी सम्मान रहे।

मज़हब ने जो सिखलाया है, वो अदबी सम्मान रहे। एक हाथ में गीता हो तो, दूजे में कुरआन रहे। त्यौहारों में मेल- जोल हो ,और खुशियों का हो डेरा जैसी होली हो हम सबकी , वैसा ही रमज़ान रहे। सार...

कृष्ण गाथा

#विधाता_छंद #मापनी 1222.  1222.  1222.  1222 तनिक धीरज धरो बातें हमारी ये सुनो राधा कहाँ कान्हा बजाए निज मधुर मुरली सुनो राधा सुनो नटखट  बड़ी राधा बनो सजनी कहे कान्हा नहीं भायी कभी मुझको कहूँ ...

आज फिर दिल मेरा हाय रोने को है

💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘 हाय फिर दिल मेरा आज रोने को है दूरियों  में  भी  सपने  संजोने  को है हाय फिर दिल मेरा आज रोने को है दर बदर फिर रहा काफिरों की तरह जानता  कुछ  नहीं  जाहिर...

है खुदा

💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 212  212    212    212 तू रहे साथ तो मन हरा है ख़ुदा तू करे वास तो घर भरा है खुदा भूल से जो करू गलतियां तो सुनो देख मेरी अरज     रोकता है खुदा अंधियारे महज ज़िंदगी में  स...

तेरी सूरत

😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍 2122       2122          1222   222 जिंदगी के फलशफों की कहानी तेरी सूरत जिंदगी के हर ख़ुशी की रवानी तेरी सूरत बाग़ के यह फूल हों या गुलों की कहानी है हर कली हर फूल की है ...

सावन

☔☔☔☔☔☔☔☔☔☔☔ १ - श्रृंगार रिम झिम मेघ छाय घटा  घनघोर रे मन भयो बावरा   चित भयो चोर रे सावन मन बन घूमें    पपीहा सरस हिय करें देख कैसेे     नचन जोर रे २ - विरह पिय दरस को  दिन कई ग...

#निज_संसार_अनोखा_हो

😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊 द्वेष भाव को तज दो गर तो, सुख संचार अनोखा हो दशों दिशाओं में ख़ुशियाँ हों, निज संसार अनोखा हो सायंकाल नित अपने संग ,नव ऊर्जा लेती आए जीवन में हो सुख का डेरा, द...

अब_कोई_आश्चर्य_नहीं_होता

#अब_कोई_आश्चर्य_नहीं_होता अब कोई आश्चर्य नहीं होता न ही होता है कोई अचंभा प्रायः सुनाई देती हैं सिसकियां सुनाई दे जाता हैं प्रायः हाहाकार समझ आती हैं व्यथाएँ देखाई पड़ ही जा...

कर्म

                         #कर्म द्वेष  मुक्त हो  मानव  चेतन ,  ज्योतिर्मय  संसार   बने कर्मों  की  हो  ऐसी  श्रेणी ,  जो  जीवन  आधार  बने नव ऊर्जा से पोषित मन हो ,काज सकल साकार क...

भाग्य

🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇 मानव माटी की है काया, ज्ञान गुणों का प्राणी है भाग्य भरोसे कभी न बैठो,कर्मठता दिखलानी है कई मोड़ आते जीवन में ,लेतें कठिन परीक्षा हैं सार गहें जीवित कर्मों के , देतें सफल समीक्षा हैं बैठे बिठाए कुछ न मिलता, यदि पहचान बनानी है भाग्य भरोसे कभी न बैठो,कर्मठता दिखलानी है जो सब गुण सम्पन्न बना है, जिसने भाग्य को बदला है हर कठिनाई झेली उसने, काँस्य काँच सा पिघला है ऐसी ही श्रमसाध्य कहानी,मन को सदा सुनानी है भाग्य भरोसे कभी न बैठो,कर्मठता दिखलानी है बात सदा ही ध्यान रहे हर,कर्मों का परिणाम मिले चाहे मन में जितनी इच्छा ,यश मान और नाम मिले आप भूमि से अन्न न उपजे ,बात यही बतलानी है भाग्य भरोसे कभी न बैठो,कर्मठता दिखलानी है 😎😎😎😎😎😎😎😎😎😎😎😎😎😎 #प्रियंका_सिंह पुणे(महाराष्ट्र)

गाँव

                            #गीत                 #आधार_छंद_तांतक देश गाँव की मिट्टी सोंधी, मोहत मन हरियाली है खेतों के सब मेढ़ सजीले, धरती रूप निराली है सनन-सनन पुरवइयाँ चलती, म...

बिना जल जीवन

#जल_है_तो_कल_है                         #ग़ज़ल         1222      1222   1222     1222 तनिक इस बात पर दो ध्यान कहती तोहे' समझाई समय आएगा' इक ऐसा न जल होगी न पुरवाई न होगा कोय भी पनघट न होगी कोय पनिहार...

भारती की गरिमा

😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔 बुद्धिजीवियों से शोभे, देश के हैं सारे कोने सत्य विषयों की गाथा पढ़ता न कोई है गढ़े निज नियमों की परिपाटी चल पड़ी कुशल समाज रूप गढ़ता न कोई है हृदय को भेदती जो नभ तक गूँजती वो पीड़ितों की चीख़ ध्वनि सुनता न कोई है अधरों को सिये खड़े खोल दृग टाँके पड़े भारती की गरिमा को चुनता न कोई है निसदिन आशाओं के जलाशय सूख रहे अविरल प्रेम नीर भरता न कोई है पापों की जो गगरी है प्रतिपल भर रही आने वाले वक़्त से क्यों डरता न कोई है ज्ञानी तम राह चले द्वेष आवरण ओढ़े ज्ञानघट फूटा पड़ा जोड़ता न कोई है कहने को कहते है आधुनिक बन रहें पाले बैठे भ्रम जिसे तोड़ता न कोई है 😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔 प्रियंका सिंह पुणे (महाराष्ट्र)

अमिया की डाली

#अमिया_की_डाली गर्माहट भरी हवाओं में, झूमती वो अमिया की डाली... पत्तियों की सरसराहट हो या, डालियों की चरमराहट, लगे जैसे साथ मिल सारे- बजा रहे हो ताली..... इठलाती,बलखाती सौंधी-सी खुश...

कोख में कन्या

👶👶👶👶👶👶👶👶👶👶👶👶👶👶 हिय से निकली एक अरज है,हिय से ही  स्वीकार  करो पल रही यदि कोख में कन्या,मत कुंठित व्यवहार  करो ईश्वर   के  आशीष   रूप  में , माँ   जनमे  है  जाई  को हाथों...

गाँव

                            #गीत                 #आधार_छंद_तांतक देश गाँव की मिट्टी सोंधी, मोहत मन हरियाली है खेतों के सब मेढ़ सजीले, धरती रूप निराली है सनन-सनन पुरवइयाँ चलती, म...

तुम जा सकते हो- निःसंदेश !

सांझ की मुंडेर पर बैठा अपने साज -ओ- सामान को समेटते हुए अस्त होने को तैयार सूर्य को संकुचित आँखों से निहारा था एकटक निहारने का क्रम द्विपक्षीय हो ये अनिवार्य नहीं न ही किसी ...

रिक्तता

वास्तव में नहीं होता कोई भी स्थान सम्पूर्ण रिक्त अपनी सारी शक्ति से भींच ली गई मुट्ठी के मध्य भी शेष रह जाता है सूक्ष्म से भी सूक्ष्म रूप में खाली एक भाग जिसे उसी समय भर रही ...

अभिलाषा

समय मिले तो.. दौड़ते हुए जीवन से निकाल लूँ एक क्षण निद्रा की मधु सानिध्य में सुस्ताने को कभी गंभीर, कभी बचकानी सरीखे की बातें खुद ही खुद से बतियाने को समय मिले तो... देख लूँ निथा...

समझ लेना

#मुक्तक 1222     1222     1222    1222 कड़कती धूप में   घिरता हुआ    बादल  समझ लेना कभी अपनी सजीली आँख का काजल  समझ लेना मैं'  तुझसे   दूर   होकर  भी  सदा ही   पास  हूँ   तेरे तू अपने अक्स से ल...

गढ़े नया भारत

#मुक्तक 1222         1222           1222            1222 बयाँ  होने लगी  लब  से  दबी  जो  बात  दिल  में है सभी  बीतें  समय की  सच  अभी सौगात दिल में है समय आया यहाँ पर अब नया इतिहास लिखने का- ग...

गुरु को प्रणाम

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏      गुरु को प्रणाम मेरा          विधा का न ज्ञान मुझे              न्याय कर न पाऊँ तो                    मुझे सिखलाइये 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏      लड़खड़ाती ...

भ्रम

भ्रम कई बार अनायास ही उपज जाता है मन के उजाड़ पड़े बागीचों में यूँ ही कई बार घिर आता है मन के सबसे पसंदीदा हल्के काले रंग के बदलों की शक्ल में देने लगता है मीठी सी गर्माहट तेज बह...

समझ लेना

#मुक्तक 1222     1222     1222    1222 कड़कती धूप में   घिरता हुआ    बादल  समझ लेना कभी अपनी सजीली आँख का काजल  समझ लेना मैं'  तुझसे   दूर   होकर  भी  सदा ही   पास  हूँ   तेरे तू अपने अक्स से ल...

धर्म के नाम पर

#दिन- शनिवार 16/09/2017 #आधार - छंद वाचिक राधा (मापनीयुक्त) #मापनी – 2122 2122 2122 2 अथवा - गालगागा गालगागा गालगागा गा #समांत - आते <> #पदांत – क्यों [ गीतिका ] धर्म के ही नाम पर तुम घर चलाते क्यों ? पाप से भर प...

ईश्वर वंदना

#दिनांक- १८/९/१७ #ईश्वर_वंदना #आधार_छंद_कुकुभ हे ईश्वर! करुणा सागर हम, बेसुध बालक अज्ञानी । हे दयानिधि!  हे बुद्धिदाता!, कभी न हों हम अभिमानी।। तम, कलुष भेदो ज्योति रूपक, करुणाकर ...

भर मन में सदभावना

#दिनांक 19/9/17 #दोहा_मुक्तक तरुवर   छाया से  घना , चेतन  मन का   ज्ञान बिन चेतन उपजै भरम, मन फलता अभिमान बात  सुनो   ये  जो कहूँ, सत्य  सदा मन भाय भर ले मन  सद्भावना, कर  जन का  सम्मान #...

दुर्गा स्तुति

दिव्य ज्योतिर्मय है नभ,शक्तिरूप अवतार ये होकर सिंह सवार माँ, अद्भुत महि संहार ये त्रिनेत्री मुख तेज लिए,शीश मुकुट छवि धारिणी लेकर खड्ग भाल गदा,हे देवी जग तारिणी लाल वस्त्...