छंदमुक्त (बाज़ार)

#दिनांक- १९/७/१७
#विषय -#बाज़ार
#विधा- #छंदमुक्त

ओ साहब ...
क्या तुम बेरोजगार हो?
सारी गुण गुणवत्ता लिए भी
कहो ..अब भी क्या बेकार हो?

 सोचा...क्या करना तुम्हे व्यपार है?
होंगी सर तुम्हारे भी जिम्मेदारी
अगर पास तुम्हारे अपना घर द्वार हैं

देखो ये बाज़ार है साहब
यहाँ हर चीज़ बिकाऊ है
लो सच यह भी सुनो
नहीं कोई चीज़ यहाँ कि टिकाऊ है

ये बाजार है साहब रिस्वतख़ोरी की
एक सिलसिलेवार तरीका -
अपने भंडार से आप अनाज की चोरी की

ये बाजार है साहब राजनीति की
यहाँ हर पैंतरे है बिकते
हमारे राजकीय कूटनीति की

यहाँ कोई सेवक नहीं, सभी भरे दाता है
सुनो गौर से ...
गलती से भी इन्हें ख़ामियाँ न बताना
सदविचार यहाँ किसी को न भाता है

ये बाज़ार है साहब....
ईमानदारी के छिटके हर पुर्ज़े का
ढूंढो ज़रा ...यहाँ केवल संत मिलेंगे
दैत्य-दानव ,कपटी , लोभी हर दर्जे का

✍स्वरचित
#प्रियंका_सिंह

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