मुक्तक(विभावरी चंदा)


विधा -#मुक्तक
दिनांक-13/7/17

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विभावरी- चंदा- चांदनी  मस्त बहार
झूमती नदिया   गुंजित जुगनू गुंजार
चंचल सुमन  दूब डालियाँ तारों संग
झूले पर बैठी रागिनी       बहे बयार

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✍स्वरचित
#प्रियंका_सिंह

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