मुक्तक
दिनांक २६/७/१७
#मुक्तक
गगरी धरी जात गोरी पनघट है
कान्हा हाय छेड़े बड़ा नटखट है
चुनरिया लहराये कभी सरकत जो
बाँधे कटि आँचल दौड़े सरपट है
#स्वरचित
#प्रियंका_सिंह
#मुक्तक
गगरी धरी जात गोरी पनघट है
कान्हा हाय छेड़े बड़ा नटखट है
चुनरिया लहराये कभी सरकत जो
बाँधे कटि आँचल दौड़े सरपट है
#स्वरचित
#प्रियंका_सिंह
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