ग़ज़ल(बात मेरी सुनो)
#दिनांक 19/8/17
#ग़ज़ल
212 212 212 212
बात मेरी सुनो कुछ कहा मत करो-
लौट आऊँ अभी ये दुआ मत करो
जब कदर ही नहीं अब कसम की तुम्हें-
तुम भरम आँसुओं से लिखा मत करो
किस्मतों को बहाना बनाना ही' था-
नेह की झूठ रश्में अदा मत करो
चाहतों का यही हाय अंजाम है-
ये अरज मान बातें वफ़ा मत करो
प्यार में बीते' लम्हें गवाही दिए-
तुम सनम बेवफा अब मिला मत करो
#प्रियंका_सिंह
#ग़ज़ल
212 212 212 212
बात मेरी सुनो कुछ कहा मत करो-
लौट आऊँ अभी ये दुआ मत करो
जब कदर ही नहीं अब कसम की तुम्हें-
तुम भरम आँसुओं से लिखा मत करो
किस्मतों को बहाना बनाना ही' था-
नेह की झूठ रश्में अदा मत करो
चाहतों का यही हाय अंजाम है-
ये अरज मान बातें वफ़ा मत करो
प्यार में बीते' लम्हें गवाही दिए-
तुम सनम बेवफा अब मिला मत करो
#प्रियंका_सिंह
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