आधार छंद विधाता(प्रेम)

दिनांक- 18/7/17

#विधाता_छंद

1222.  1222.  1222.  1222

सुनो फिर आज ख्वाईशें  जवां अपनी कही ना हो
सुनो फिर आज  वो ख्वाबो भरी बातें  बयां ना हो

कभी थी   वो हमारी रात   जिसमे बात ही ना थी
हमारे साथ से      पूरी न हो   सौगात    वो ना थी

हज़ारों महफिले कुर्बान     जो हमने किये जानम
गर कहें तो बयां ना हो सके  उलफत सुनो जानम

दिलो के गम सितम हमने सुनो   क्या खूब झेले है
बचे बस अब  दिलों मे याद   वो फ़रियाद   मेले है

जड़े हमने   कई ताले   दिलों की    बदगुमानी पर
अभी भी  है कहीं  तेरी सनम  दिल मे निशानी पर

रही जो बात दिल मे वो बताओ तुम ज़रा दिलबर
कहीं फिर  खो न जाये   बेवफाई  नाम से  रहबर

#प्रियंका_सिंह

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