मुक्तक((मन का कोना)

24/7/17

आज मन का एक कोना रिक्त किया
आज फिर ये बेकल हिय मौन जिया
तुम मेरे नेह के बंधन से आज़ाद हुऐ
आज मैंने तुम्हें स्वमं से है मुक्त किया

©प्रियंका_सिंह

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