दोहा
#दिनांक- 05/09/17
#विधा #दोहा
1-
बालक गीले माटि से, गुरु ऐसे कुम्हार।
माटी से मूरत गढ़ें, डालें ज्ञान अपार।
2-
जीवन राह कठिन बहुत, चलना हमें सिखाय।
गुरु माटी कंचन किए, हम सब शीष नवाय।
3-
मानव मन तम कोठरी,बिन पाए गुरु ज्ञान।
गुरुवर गुण की पोटरी, पुंज प्रकाश समान।
©#प्रियंका_सिंह
#विधा #दोहा
1-
बालक गीले माटि से, गुरु ऐसे कुम्हार।
माटी से मूरत गढ़ें, डालें ज्ञान अपार।
2-
जीवन राह कठिन बहुत, चलना हमें सिखाय।
गुरु माटी कंचन किए, हम सब शीष नवाय।
3-
मानव मन तम कोठरी,बिन पाए गुरु ज्ञान।
गुरुवर गुण की पोटरी, पुंज प्रकाश समान।
©#प्रियंका_सिंह
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