ग़ज़ल(मिट्टी)

दिनांक - 14/7/17
#रदीफ़ -#मिट्टी

लाल  लालिमा  लाली  घर आँगन मिट्टी
देव भूमि  भारत की   बड़ी पावन मिट्टी

होली - दीवाली  हो  या  ईद -  मोहर्रम
भाव निहीत यहाँ उत्सव है सावन मिट्टी

जुट कपास सरसो  चास  है खेत घनेरी
अन्न अनाज  की पूर्ति  उपजावन मिट्टी

सिर माटी का टीका होती माटी की पूजा
हल्दी उबटन औषधि जाए लगावन मिट्टी

पिया पतंग प्रेम मांझा हुए यहाँ मजनू रांझा
सुगंधित प्रेम की यहाँ ढेरी  मनभावन मिट्टी

✍स्वरचित
#प्रियंका_सिंह

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