ग़ज़ल (तिरंगा)

#दिनांक- 15/8/17
#स्वतंत्रता_दिवस_की_बधाई

#ग़ज़ल

1222    1222  1222  1222

तिरंगे    नाम पर  कुर्बान है     यूँ जान अपनी ये
रहे ऊँचा   वतन का ओहदा    है शान अपनी ये

सुनो तुम पाक हो या चीन हो है वक़्त संभल जा
यही पैगाम   देते है   न भूलो    मान    अपनी ये

अगर ख़ामोश हम समझो न कमजोरी हमारी यूँ
अभी है  जोर साहस से भरी  पहचान  अपनी ये

इसी  माटी में जन्मे  है भगत  आज़ाद   जैसे जन
हँसी के साथ दिए थे तब प्राण बलिदान अपनी ये

रहा   रुतबा   हमारा   शांति प्रिय    देश के जैसा
बढ़ाओ हाथ   दोस्ती का   यही ईमान    अपनी ये

#प्रियंका_सिंह

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