कविता(तुम धीर हो तुम वीर हो)
तुम......
हाँ तुम..
तुम धीर हो तुम वीर हो
दृढ़ता की कड़ी-जंजीर हो
प्रज्जवल अग्नि के ताप हो
उज्ज्वल सूर्य का प्रताप हो
तुम तीर हो तुम वार हो
गर्जन सिंह की, दहाड़ हो
सशक्त विचारों का तेज हो
उम्मीदों का रंगरेज हो
तुम चंद हो प्रचंड हो
निर्बल को दे सहारा वो दंड हो
तुम अविचल सा अडिग रहो
अमर हो ऐसी तुम कथा लिखो
#प्रियंका_सिंह
हाँ तुम..
तुम धीर हो तुम वीर हो
दृढ़ता की कड़ी-जंजीर हो
प्रज्जवल अग्नि के ताप हो
उज्ज्वल सूर्य का प्रताप हो
तुम तीर हो तुम वार हो
गर्जन सिंह की, दहाड़ हो
सशक्त विचारों का तेज हो
उम्मीदों का रंगरेज हो
तुम चंद हो प्रचंड हो
निर्बल को दे सहारा वो दंड हो
तुम अविचल सा अडिग रहो
अमर हो ऐसी तुम कथा लिखो
#प्रियंका_सिंह
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