ग़ज़ल(बताओ तो सनम)
#ग़ज़ल
#बहर
दिनांक- 13/7/17
2122 2122 2122 212
क्या खता मुझसे हुई है ये बताओ तो सनम
भूल कर सारी खताएं पास आओ तो सनम
जानता हूँ है बड़ी नादानियाँ मुझमे भरी
रूठ जाऊँ जो कभी फिर से मनाओ तो सनम
छोड़ भी दो जान गुस्सा दी कसम अपनी तुझे
पास मेरे बैठ फिर से तुम सताओ तो सनम
कब तलक मेरे सनम गुम सुम रहोगे यूँ भला
दर्द जो दिल में दबी तेरे जताओं तो सनम
लो पकड़ ली कान अब तो मान भी जाओ जरा
अब न होगी गलतियां फिर आजमाओ तो सनम
✍स्वरचित
#प्रियंका_सिंह
#बहर
दिनांक- 13/7/17
2122 2122 2122 212
क्या खता मुझसे हुई है ये बताओ तो सनम
भूल कर सारी खताएं पास आओ तो सनम
जानता हूँ है बड़ी नादानियाँ मुझमे भरी
रूठ जाऊँ जो कभी फिर से मनाओ तो सनम
छोड़ भी दो जान गुस्सा दी कसम अपनी तुझे
पास मेरे बैठ फिर से तुम सताओ तो सनम
कब तलक मेरे सनम गुम सुम रहोगे यूँ भला
दर्द जो दिल में दबी तेरे जताओं तो सनम
लो पकड़ ली कान अब तो मान भी जाओ जरा
अब न होगी गलतियां फिर आजमाओ तो सनम
✍स्वरचित
#प्रियंका_सिंह
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